प्रसन्ना शंकर : अरबपति टेक उद्यमी पर पत्नी के आरोप और कानूनी लड़ाई का पूरा विश्लेषण

प्रसन्ना शंकर : अरबपति टेक उद्यमी पर पत्नी के आरोप और कानूनी लड़ाई का पूरा विश्लेषण

यह मामला है चेन्नई के टेक एंटरप्रेन्योर और अरबपति व्यवसायी प्रसन्ना शंकर का, जिन्होंने अपनी पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आइए, विस्तार से समझते हैं कि पूरा मामला क्या है।

प्रसन्ना शंकर कौन हैं?
प्रसन्ना शंकर एक भारतीय मूल के टेक उद्यमी हैं, जिन्होंने सिंगापुर स्थित क्रिप्टो सोशल नेटवर्क 0xPPL.com की स्थापना की है। इससे पहले, वे अमेरिकी कंपनी Rippling के सह-संस्थापक थे, जिसकी वर्तमान में वैल्यूएशन लगभग 10 बिलियन डॉलर है। उन्होंने अपनी कंप्यूटर साइंस की डिग्री NIT त्रिची से पूरी की है।

विवाद की शुरुआत
प्रसन्ना शंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपनी पत्नी दिव्या सशिधर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनकी पत्नी का अनूप कुट्टीसंकरण नामक व्यक्ति के साथ छह महीने से अधिक समय से अफेयर चल रहा था। इस बात की जानकारी उन्हें अनूप की पत्नी से मिली, जिन्होंने उन्हें मैसेजेस और होटल बुकिंग की जानकारी दी।

कानूनी विवाद और आरोप-प्रत्यारोप
जब प्रसन्ना ने अपनी पत्नी से इस बारे में सामना किया, तो उन्होंने अमेरिका में तलाक की अर्जी दी और उन पर घरेलू हिंसा, बलात्कार, और आपत्तिजनक सामग्री वितरित करने जैसे गंभीर आरोप लगाए। हालांकि, प्रसन्ना का कहना है कि पुलिस जांच में ये आरोप गलत साबित हुए।

इसके बाद, प्रसन्ना ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने उनके नौ वर्षीय बेटे का अपहरण कर उसे अमेरिका ले जाने की कोशिश की। इस पर, अमेरिकी अदालत ने प्रसन्ना के पक्ष में फैसला सुनाया और बच्चे की संयुक्त कस्टडी का आदेश दिया।

चेन्नई पुलिस पर आरोप
प्रसन्ना का दावा है कि उनकी पत्नी ने चेन्नई में उनके खिलाफ बच्चे के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें परेशान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने उनके दोस्त को हिरासत में लिया और उसे छोड़ने के लिए 25 लाख रुपये की मांग की।

पत्नी दिव्या का पक्ष
दूसरी ओर, दिव्या ने प्रसन्ना के सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि प्रसन्ना महिलाओं की गुप्त रूप से रिकॉर्डिंग करते हैं और उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप भी लगे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रसन्ना को सिंगापुर पुलिस ने एक बार गिरफ्तार किया था और उन्हें वेश्यावृत्ति के मामले में भी पकड़ा गया था।


यह मामला दर्शाता है कि व्यक्तिगत विवाद कैसे सार्वजनिक रूप से उभर सकते हैं और इसमें कितनी जटिलताएं हो सकती हैं। दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे और आरोप हैं, और सच्चाई का पता लगाना न्यायपालिका का काम है। हमें चाहिए कि हम किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों और प्रमाणों का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करें।